महक की दुनिया-Hindi sex story |
हेलो फ्रेंड्स
मैं तन्वी , दो साल पहले मेरी एक फ्रेंड ने Xossip से इंट्रो करवाया . तबसे मेरी लाइफ चेंज हो गई. मैंने यहाँ सबसे पहली कहानी पढ़ी थी “महक का जादू “. वो कहानी पढ़ कर तन बदन में आग सी लगने लगी , मुझे भी लगने लगा की मैं भी महक सौम्या और रिया की तरह इन्सेस्ट सेक्स करू .
पर मैं होस्टेल में रहती हु , अपनी फॅमिली से बहोत दूर हु , और वैसे भी मेरी फॅमिली में मेरा कोई बड़ा या छोटा भाई नहीं है , और पापा के बारे में मैंने अभी तक कल्पना नहीं की.
इन्सेक्ट सेक्स तो अभी तक नहीं कर पाई.. पर हा लेस्बियन का भरपूर आनंद उठाया है .लास्ट इयर तक मैं एक होस्टेल में थी , वहा हम तिन फ्रेंड्स एक ही रूम में रहती थी ..हम तीनो भी महक का जादू साथ साथ पढ़ती थी ….और तीनो एक दूसरे के बदन से खेलती थी ...वहा लगी आग बुझाने की कोशिश में लगी रहती थी …. इस साल हम तीनो ने एक 1 BHK किराएसे लिया है …. जहा हम फुल मस्ती करते है .
कहानी पढ़ते पढ़ते मैंने सौंदर्या दीदी ( महक का जादू लिखने वाली ) को कांटेक्ट किया , बहोत बार मैसेज करने के बाद हम लोग ऑनलाइन चाट करने लगे और फिर उनसे फ़ोन पर भी बात हुई .सौंदर्या दीदी (ये उनका असली नाम नहीं है ) पुणे में ही रहती है . मेरे सौभाग्य से उनसे रूबरू मुलाकात भी हुयी .
दीदी बहोत ही इंटेलिजंट है, मेरी उनसे बड़ी अच्छी दोस्ती हो गयी. दीदी ने मुझे अपनी लाइफ के बारे में खुल के बताया.वो बहोत ही पर्सनल है …. जिसके बारे में मैंने अभी तक किसी को नहीं बोला …. और ना कभी किसीसे बोलूंगी.
सौंदर्या दीदी ने कुछ वजहों से कहानी लिखना छोड़ दिया ….. मै और मेरी फ्रेंड्स ने उन्हें मानाने को बहोत कोशिश की … लेकिन दीदी नहीं मानी. उसके बाद मैंने Xossip पर कई कहानिया पढ़ी दीदी के फेवरेट अशोक जी की सारी कहानिया पढ़ ली और भी कई कहानिया पढ़ी सबसे स्पेशल कामदेव सूत्र भी पढ़ी .
दीदी की कहानी को आगे बढ़ने की मेरी इच्छा हुई ….. तो मैंने वहा वैसे पोस्ट कर दी … लिकिन दीदी ने मन क्र दिया .
लेकिन फ्रेंड्स ...मेरी कई मिन्नतो के बाद दीदी ने परमिशन दी . इतना ही नहीं उन्होंने मुझे हिंदी टायपिंग तक सिखाया और कुछ टिप्स भी दी है .
तो माय डिअर फ्रेंड्स …. मै महक का जादू को आगे बढ़ाने जा रही हु ...एक नए नाम से “महक की दुनिया “
मेरे इस एफर्ट में आप सभी का प्यार मुझे मिलेंगा इसी अपेक्षा के साथ
महक का जादू के आखरी अपडेट में आपने पढ़ा था ….. की महक कई सालो से दूर रहे नितिन मामा और मामी का मिलाप करवाती है …… एक पुराने हादसे की वजहसे मामी के मन पे जो बोझ था …. जिस वजह से वो सेक्स नहीं कर पाती थी …. वो बोझ …. महक ने दूर कर दिया था …. अब मामी मामा से चुद रही थी …..
फ्रेंड्स मेरी कहानी इसी मोमेन्ट से शुरू होती है …….
नितिन मामा पुरे जोशो खरोश में मामी की चूत का बाजा बजा रहे थे …. महक अब दोनों की रासलीला देखती हुयी बेड पर ही थोड़ी परे बैठ गयी …… उतने में सौम्या भी निचे आ गयी …
मामी परम आनंद से सिसक रही थी ….. ओह….ओह्ह्ह्हह नि….ती….न…. आआअह्हह्हह स्सस्सस्स
उनकी ये मदभरी सिसकिया ..महक और सौम्या के बदन में आग लगा रही थी …….
महक सौम्या के गर्दन को चूमने लगी और सौम्या भी महक के मम्मो को सहलाने लगी ….
मामा और मामी की वो चुदाई काफी लम्बी चली ……
कुछ देर बाद मामा और मामी दोनों एक साथ झड़ने लगे …….
मामी की योनी में मामा के लंड ने सालो बाद रस की बरसात कर दी …….
कई सालो के सूखे के बाद आयी इस जबरदस्त बारिश से मामी आनंदविभोर हो गयी ……..
दोनों पसीने से तरबतर हो गए थे ….. वो वैसी ही हालत में एक दुसरे से चिपक कर सो गए …….
वो दोनों तो सो गए पर सौम्या और महक को आग की भट्टी में झोंक कर
सौम्या महक के बदन पर टूट पड़ी …...महक भी उसी जोश में थी ……
वो दोनों एक दुसरे के की चूत पर चूत यु रगड़ रही थी के जैसे एक दुसरे को चोद रही हो ……
दोनों बेचारी लडकिया चूत पर चूत रगड़े जा रही थी …….
लेकिन आग बुझ ना पाई
चूत का दाना कितना भी बढ़ जाए …… लंड जैसा तो होने से रहा …...
तो फिर दोनों ने एकदूसरे की चूत चूस चूस कर एक दूजे की ठंडा किया
दोनों बेचारी लडकिया चूत पर चूत रगड़े जा रही थी …….
लेकिन आग बुझ ना पाई
चूत का दाना कितना भी बढ़ जाए …… लंड जैसा तो होने से रहा …...
तो फिर दोनों ने एकदूसरे की चूत चूस चूस कर एक दूजे की ठंडा किया
और वही पे पस्त होकर पसर गयी …..
continued from last
सुबह ५-६ बजे महक को ऐसा लगा की कोई उसके मम्मे धीरे धीरे सहला रहा हो …..
उसने सोचा शायद सौम्या होगी
वह नींद में ही मुस्कुराई …..
जब थोड़ी देर बाद वो हाथ महक के टॉप के अन्दर घुसा….और महक के नंगे चुचक सहलाने लगा
तब जा के महक को महसूस हुआ की वो तो मर्दाना हाथ था
उसने उनींदी आँखों से देखा …….
मामाजी उसके बाजू में लेटे थे….. और बड़े प्यारसे उसके चुचकोसे खेल रहे थे
महक उन्हें देख मुस्कुराई
मामा बोले “महक बेटा ….. थैंक यू …”
महक: ये थैंक्स किसलिए मामाजी
मामा: बेटा …. आज तूने मेरी कई सालो की प्यास बुझा दी इसलिए
और उन्होंने बाजूमे सोई पड़ी मामी की ओर इशारा किया
महक: ओह्ह वो ….. कैसा लगा मामाजी इतने सालो बाद …. मामी को चोदकर...
मामा : क्या बताऊ बेटा …… मैं तो इस लम्हे के लिए तरस गया था ….. आज तुम्हारी वजह से ये संभव हुआ है ….. मै तो आज से तेरा गुलाम हो गया हु रे …
मामाजी की बात सुनकर महक हसने लगी
मामा बाते करते करते बड़े प्यार से महक के उरोजो को सहला रहे थे
मामा: मुझे पता है ……
महक : क्या
मामा: आज तुम प्यासी ही सो गयी ……
महक: चलता है मामाजी ….. उससे जादा मामी की प्यास बुझाना जरुरी था
मामाजी ने महक के अधरों को चूमकर बोला “आ जा बेटी ….. तेरी प्यास मिटा दू …….
महक का दिल ख़ुशी से झूम उठा
पलंग पर मामाजी और सौम्या भी सोई पड़ी थी
मामाजी ने महक का हाथ पकड़ कर उसे उठाया
और बाजूमे सोफे की ओर ले चले
मामाजी ने महक को पीछे से आगोश में लिया और उसकी गर्दन चूमने लगे
उनके हाथ महक की चुचाको से खेल रहे थे
उन्होंने अपना एक हाथ महक की जालीदार निक्कर में घुसाया
और उसकी चूत को हौले हौले मसलने लगे
मामाजी का हाथ अपने चूत से लगते ही महक मदमस्त हो उठी ….
महक ने अपनी बाहें उनके गले में पिरो दी और गर्दन पीछे झुका कर अपने प्यासे होठ उन्हें परोस दिए
मामाजी ने उसके रस भरे होठ अपने होठोके गिरफ्त में लिए और उन्हें चूसने लगे
कुछ देर चले इस लिप लॉक के बाद महक ने हाथ पीछे कर मामाजी का लंड टटोला
मामाजी का हथियार अपने पुरे शबाब पे था
उसकी गर्मी और कड़कपन का अहसास पा कर महक अपने आप को रोक ना सकी
उसने मामाजी को सोफे पर धकेला और वो उनके आगे घुटनो के बल बैठ गयी
मामाजी के लंड के ऊपर का सुपाड़ा मोटा था
उनके लंड के मुँह से पानी जैसा चिपचिपा रस निकल रहा था
महकने उनकी आँखों में झाँका…..मामाजी उसकी हरकतों को गोर से देख रहे थे
महक: मामाजी मैं आपको इतनी खुशी देना चाहती हु जितनी किसीने भी नहीं दी होगी
और उसने अपनी जीभ पूरी बाहर निकाली और स्लो मोशन में अपने सिर को उनके लंड पर झुकाया
उसकी आँखें लगातार मामाजी के चेहरे पर टिकी हुई थी
महक ने अपनी जीभ उनके लंड के टिप पर लगायी और उससे निकलने वाले रस को चाट कर अपनी जीभ पर ले लिया
महक ने मामाजी के मुसल को चूमा
उसकी लम्बाई पर जुबान चाते हुए ...उसने पूरा सुपाडा गपाक से मुह में भर लिया
मामाजी ने एक लम्बी आह भरी
महक खिलखिला कर हस पड़ी
फिर उसने अपना पूरा ध्यान अपने मनपसंद खिलौने पे लगाया
मामाजी का पूरा लंड मुह में ले कर चूसते चूसते वो उनकी गोटिया भी सहला रही थी
मामाजी के उस विकराल लंड से उसका पूरा मुह भरा था
मामाजी भी अब मस्ती में महक पे मुह को झटके मार मार के चोद रहे थे
मामाजी का लंड महक को अपने गले तक महसूस हो रहा था
मामाजी को जब ऐसा लगा की वो अब झड सकते है … तब उन्होंने महक को रोक दिया
फिर मामाजी सोफे पर ही पालथी मर के बेठे और महक को अपने खड़े लंड पे बिठाया
और उसे पूरी तरह जकड लिया ….
महकने अपनी टाँगे और हाथोसे उन्हें जकड लिया था
मामाजी उसे अपनी बलिष्ट भुजाओं से हलके हलके उछल रहे थे
मामा: महक बेटा तेरी चूत में तो जन्नत का मज़ा मिलाता है ..
मामाजी का लंड बाहर निकल कर फिरसे अन्दर घुसता तो महक के मुँह से ‘आअहन्.. स्सस्सस्स ’सीत्कार निकलने लगती
महक की चूत पूरी तरह पनिया गई थी.. मामाजी का लंड और उसकी चूत इन दोनों के कामरस से उसकी चूत से चिपचिप तरल बाहर आ रहा था.. पर दोनों को सिर्फ महसूस हो रहा था.. दिखाई नहीं दे रहा था….
और इस आसन में दोनों के शारीर एकाकार हो चुके थे …..महक को ये चुदाई का ये आसन बहोत पसंद आ रहा था
मामाजी के बदन पर टी शर्ट थी …. जो मी महक और उनके बदन के आड़ आरही थी
महक ने उनकी वो टी शर्ट खिंचके निकल दी
अब दोनों के नंगे बदन एक दुसरे में घुस हाने की कोशिश में जान पड़ रहे थे
मामा जी के बदन से आती वो मर्दाना खुशबू महक को और भी दीवाना बना रही थी
मामाजी की भी हालत कुछ ऐसीही थी
महक ने अपनी रोयेदार बगले मामाजी की नाक पर लगते हुए उनकी बालो से भरपूर बगलों में अपनी नाक घुसा दी …..
और दोनों अपनी अपनी पसंदीदा खुशबू जी भर के सूंघने लगे
उस जादुई खुशबू के असर से मामाजी का लंड अब तेजी से अन्दर बहार होने लगा था
मामाजी की इस तूफानी स्पीड से महक आहे भरने लगी उसकी आह्ह ….उई..माम्मा.. जरा धीरे..
मामाजी पर भी महक के बगलों की खुशबू का नशा तारी था …. वो उसी जोश में धक्के मारते मारते बडबडाने लगे
‘आहह्ह्ह.. महक बेटा .. क्या तेरी चूत है.. क्या तेरे मस्त लचकते चूतड़ हैं.. और हाय तेरी चूचियाँ.. तो मेरी जान ही ले रही हैं.. आहह्ह.. ले खा मेरे लौड़े को अपनी चूत में..
महक मदमस्त होगयी थी …. अब उसे खुल कर ...ताबड़तोड़ चुदाई की दरकार थी
उसने मामाजी को पीछे की ओर धक्का दिया ….. मामाजी सोफे पर ही पसर गए
उन्होंने अपने टाँगे फैलाई ……..
अब महक उनके खड़े लंड पर बैठ कर सवारी करने लगी
मामाजी का लम्बा चौड़ा हथियार उसकी चूत की अन्दर तक घिसाई कर रहा था
उछालते उछालते वो मामाजी पे झुक कर उनके होठो को चूम भी रही थी
मामाजी ने महक की कमर कस के पड़ी थी ….उसे उछलने में मदद कर रहे थे
महक अब होश में नहीं थी …. वो खुलकर सिसक रही थी बडबडा रही थी
“ ओह्ह्ह्ह मामा….. बस ऐसे ही ….. चोदते रहो अपनी महक को स्स्स्सस्स्स्स हय्य्य्य
इस धुवाधार चुदाई में महक अबतक दो बार झड चुकी थी
थोड़ी देर बाद वो बडबडाने लगी “मामाजी .....ऊऊऊऽऽऽहहऽऽऽ.........मै वापस झड़ने वाली हु .... आप भी मेरा साथ दो प्लीईऽऽऽज़,”
मामा: “हां बेटे ……. तेरा मामा हमेशा तेरे साथ ही है …… ले मेरी जान …. मै भी आता हु
और महक और मामाजी एकसाथ झडने लगे
महक पूरी संतुष्टि से बोली "आआआऽऽऽऽहहहऽऽऽऽ मामा ऽऽऽऽ. आज आपने मुझे वाकई ठंडा कर दिया ….. मेरी खुजली मिटा दी …… मामा ….थैंक यू …. लव यू मामा ….
और दोनों एकदूसरे को पागलो की तरह चूमने लगे
कुछ देर बाद जब दोनों का आवेग ठंडा होने लगा ….
तो उन्होंने देखा …. की पलंग पर मामी और सौम्या बड़े प्यारसे टकटकी लगा कर मामा भांजी का ये प्यार देख रही थी
मामी और सौम्यासे नज़ारे मिलते ही …. महकने शरमाकर अपना मुह मामाजी की सीने में छुपाया ….
मामाजी ने महक की कमर कस के पड़ी थी ….उसे उछलने में मदद कर रहे थे
महक अब होश में नहीं थी …. वो खुलकर सिसक रही थी बडबडा रही थी
“ ओह्ह्ह्ह मामा….. बस ऐसे ही ….. चोदते रहो अपनी महक को स्स्स्सस्स्स्स हय्य्य्य
इस धुवाधार चुदाई में महक अबतक दो बार झड चुकी थी
थोड़ी देर बाद वो बडबडाने लगी “मामाजी .....ऊऊऊऽऽऽहहऽऽऽ.........मै वापस झड़ने वाली हु .... आप भी मेरा साथ दो प्लीईऽऽऽज़,”
मामा: “हां बेटे ……. तेरा मामा हमेशा तेरे साथ ही है …… ले मेरी जान …. मै भी आता हु
और महक और मामाजी एकसाथ झडने लगे
महक पूरी संतुष्टि से बोली "आआआऽऽऽऽहहहऽऽऽऽ मामा ऽऽऽऽ. आज आपने मुझे वाकई ठंडा कर दिया ….. मेरी खुजली मिटा दी …… मामा ….थैंक यू …. लव यू मामा ….
और दोनों एकदूसरे को पागलो की तरह चूमने लगे
कुछ देर बाद जब दोनों का आवेग ठंडा होने लगा ….
तो उन्होंने देखा …. की पलंग पर मामी और सौम्या बड़े प्यारसे टकटकी लगा कर मामा भांजी का ये प्यार देख रही थी
मामी और सौम्यासे नज़ारे मिलते ही …. महकने शरमाकर अपना मुह मामाजी की सीने में छुपाया ….
महक: चल उसे कॉल करते है ……. उसका क्या चल रहा है ये भी जान लेंगे ….
सौम्या:ओके चल…. कॉल कर उसे ….
महक में रिया को कॉल लगाया …..
पूरी बेल जाने पर भी उसने उठाया नहीं ...
महक:नहीं उठा रही ...
सौम्या:फिर से लगा ...
महक ने फिर कॉल लगाया
फिर से नो रिप्लाय
सौम्या भड़क गयी थी
उसने और दो बार रिया को कॉल किया
फिर से नो रिप्लाय आया ...तो उसने मैसेज में कुछ टाइप किया और सेंड कर दिया ...
सौम्या: अब देखना महक …….. मेरा मैसेज पड़ते ही गोली की तरह फ़ोन करती है की नहीं …..
महक: ऐसा क्या लिखा तूने …..
सौम्या: मैंने लिखा की १० मिनट में अगर उसने कॉल नहीं किया तो मैं महक के साथ तेर घर आ जाउंगी …..
महक: हा …….वो तो अपने भाई के साथ लगी होगी ना …..वो हमारा वहा जाना अफोर्ड नहीं कर सकती …..
सौम्या: हु….. इसलिए तो ऐसा मैसेज भेजा है …..
पाच मिनिट में ही रिया की कॉल आ गयी
रिया:हेलो
महक: हा बोल रिया
रिया:उस साली सौम्या को दे तो जरा …….
महक ने फ़ोन सौम्या को सौप दिया
सौम्या ने जैसे ही हेलो बोला …. उधर से रिया बरस पड़ी
रिया: क्या हुआ मेर माँ …उफ्फ्फ .. क्यों परेशान कर रही है ……अआह्ह ...
सौम्या: रिया बेबी ….. एक अर्जंट काम था …
रियाने सौम्या की बात बिचमे ही काट दी
रिया: ऐसी…...आःह्ह ….. कौनसी …..ऊऊह्ह ….. आ...ग …. आआअह्हह्हह ..लग गयी …..
सौम्या: रिया क्या हुआ …. तू ऐसे क्यों बात कर रही है …… ओह्ह माय गॉड ….. रिया तू चुद रही क्या इस वक्त ?
रिया: हा ….रे ……..
सौम्या: वॉव …. सबेरे सबरे …….
रिया: हा रे रात को मम्मी वापस आने वाली …...उफ्फ्फ …. है …..तो कल रात से …...आः अआह्ह्ह … लगे है ……
महक भी कान लगा कर सुन रही थी …….. रिया की हालत जान कर दोनों की चूत कुलबुलाने लगी थी ...
सौम्या: कैसे चुद रही हो ……
रिया: कैसे ….. मतलब
सौम्या: मतलब तू ….ऊपर है या निचे ?
रिया: निचे …
सौम्या: क्या तेरा भाई सुन रहा है ….
रिया: वो पीछे है …… फिर भी मुझे तो तुन तो रहा है ….
सौम्या: याने …….वो तेरी गांड मार रहा है …….
रिया: नहीं …… नहीं ….. वो …..
सौम्या: ओह्ह्ह…. तो पिछेसे चूत में झटके मार रहा है …..
रिया:हा यार …… उफ्फ्फ
महक और सौम्या के आखों के सामने रिया की चुदाई की तस्वीर तैर गयी ….
सौम्या और महक उसी खयाल में खोई थी ….
रिया: हेलो ….. सौम्या ...सो गयी क्या ….
सौम्या: हैलो …. रिया …. वो …. एक प्रॉब्लम हो गयी यार ….
रिया : क्या हुवा …
फिर सौम्या ने उसे प्रॉब्लम बताई ……. रियाने कुछ सोच के उसे जवाब दिया …. वो बताती गयी …. और सौम्या सिर्फ हु ...हा … करती रही …..
सौम्याने रिया को पूछा की उसने उसके भाई से उन दोनों के बारे में कुछ बात की या नहीं ?
उसपर रिया ने बताया की उसने सब सेट करवाया है … कल वो भाई को लेकर महक के यहाँ आ जाएँगी …..
सौम्या: वाह …. मेरी जान … क्या बात है …. कल तो बड़ा मजा आएगा ….
रिया: क्यों …. साली … तेरी वो अभि से पानी छोड़ रही है क्या
सौम्या: हा ...रे …. देखना कल … महक और मै तेरे भाई को कच्चा खा जाएगी ...
रिया: अरे रहने दो … देखना वो भी तुम दोनों को नानी याद दिलवाएगा
सौम्या: और मेरी जान … तू भी रेडी रहना …. मामाजी का लंड भी तेरे लिये बेताब हुआ जा रहा है ….
रिया: वो ..तो मै कल देखूंगी ….
सौम्या: अच्छा चल रख …. और मजे से चुदवा ले …
रिया: हा यार रखती हु …..
कॉल ख़तम होते होते दोनों लडकियों की हालत बहोत ख़राब हो गयी थी
सौम्या तो अपनी पँंटी में हाथ डालकर ऊँगली करने लगी थी …
वो आँखे मूंदे ..रिया के भाई के लंड की कल्पना करने लगी थी ….और महक ने एक तकिये को अपनी दिनी जांघो के बिच लेकर वो उसपर ऐसे उछल रही थी की जैसे उसे चोद रही हो …..
जैसे वो तकिया नहीं …. तीय के रोहन भय्या का लंड हो …..कुछ देर बाद दोनों जब फारिग हुयी …… तो सौम्या बोल पड़ी ….
सौम्या:चल महक जल्दी से तैयार हो जा …. हमें मेरे यहाँ जाना है ……
महक: किस लये ?
सौम्या: अब जादा सवाल न कर …… जल्दी जाना है ….
सौम्याने अपना फ़ोन उठाया ……. और एक नंबर लगाया ..
उधर बेल जा रही थी
उधर से : हेलो …. जी…
सौम्या:3० मिनिट में उसी जगह पहुचो …..
उधर से: जी पहुचता हु
और सौम्या ने फ़ोन कट किया …..
महक ने पूछा “किसे कॉल किया …”
सौम्या : सोनू को बुलाया है ….. मेरे यहाँ ….
महक: ओह …. सोनू ….. यार ….सौम्या … हमें पहले क्यों नहीं सुझा …..
सौम्या: हा यार …. मुझे भी रियाने बताने के बाद सुझा ….
महक:तो क्या ….. तू उससे चुदेगी …….
सौम्या: हां ….. मै तो कहती हु … तू भी चुदवा ले ….. अब कैसा पर्दा ….
महक: म्मम्म ...हा यार ... मै भी तैयार हु ……
सौम्या: तो चल जल्दी ……
वो दोनों फटाफट तैयार हो कर सौम्या के होस्टल के लिए निकल पड़ी ….
महक:तो क्या ….. तू उससे चुदेगी …….
सौम्या: हां ….. मै तो कहती हु … तू भी चुदवा ले ….. अब क्या पर्दा
महक: म्मम्म हा यार मै भी तैयार हु ……
सौम्या: तो चल जल्दी ……
वो दोनों फटाफट तैयार हो कर सौम्या के होस्टल के लिए निकल पड़ी ….
continued
महक और सौम्या होस्टेल पहुँच चुकी
सोनू के वहा पहुचने में थोडा टाइम था
महक: सौम्या आज भी सोनू की आखों पर पट्टी बांधनी है ना ?
सौम्या: नहीं आज नहीं …. आज सभी पर्दों को गिराना है ….
महक: मतलब …… उसे तू खुल्ला खुल्ला बताएगी अपने बारे में
सौम्या: हा सोचा तो यही है
महक: पर …… वो तेरे पापा के डर से…. बिदक गया और ..चुदाई से मना कर गया तो ?
सौम्या: अरे नहीं ….. वो फट्टू तो है …. लेकिन अब उसे चुदाई की लत लग गयी है ...
महक: तू बोलती तो ठीक है …..
सौम्या: पर तेरी बात में भी दम है , हमें सावधानी से काम करना होगा ….
महक: याने क्या ….
सौम्या: ऐसा करते है …. फिर सौम्या ने महक को कुछ समझाया …..
महक मुस्कुराई …...
उसने ने सौम्या के कहने नुसार कपडे पहन लिए
उसने सौम्या को दिखाया
महक: देख अब ठीक है ना
सौम्या: वॉव…. क्या लग रही है … मेरी जान … चल जरा घूमके तो दिखा
महक ने गोल घूमके दिखाया
सौम्या: साली तेरे को तो कच्चा खाने को दिल कर रह है ……
महक शरमाने लगी
सौम्या: अब शरमाना छोड़ ….. और ध्यान से बिजलिया गिरना उस के ऊपर ….
महक: हा … बस...तू देख अब मेरा कमाल …
दोनों की बातो बातो में थोडा वक्त निकल गया …..
और तब तक सोनू पहोच चूका था ……
सौम्या ने उसे मॉनिटर पर देखा …..
सोनू के बैठने के बाद … सौम्याने उसे कॉल लगायी
सौम्या: हेलो
सोनू : हा बोलिए क्या करना है
सौम्या: एक छोटासा काम है ….
सोनू : हा बताइए
सौम्या:अभी कुछ देर में वहा एक लड़की पहुचेंगी …..
सोनू : हु ….
सौम्या: उसे कुछ डिफिकल्टी है ….. उसे सॉल्व कर ना है …
सोनू : कैसी डिफिकल्टी?
सौम्या: उसीसे पूछ लेना ….सौम्या ने कॉल कट कर दी ..
सोनू उस कमरे में खड़ा सोच रहा था ….. की आज उसके साथ क्या होने वाला है …
शायद वो चुदाई के बारे में सोच रहा था ….. उसकी पँट में बना उभार … अपनी कहानी साफ़ साफ़ बता रहा था …
कुछ देर बाद … सौम्या ने महक को इशारा किया ….
महक बहार निकली … और बाजूवाले फ्लैट की बेल बजने लगी ...
सोनू ने दरवाजा खोला ….. सामने खड़ी लड़की को देख कर उसका मुह खुला के खुला रह गया
महक ने एक मिनी स्कर्ट पहनी थी …. जिसमे से उसकी पुष्ट चिकनी जांघो का भरपूर नजारा मिल रहा था …. उपर उसने एक ढीली ढाला वाइट टॉप पहना था …… ओवरआल वो एक परफेक्ट सेक्सी स्कूल गर्ल लग रही थी
महक:हलो सर
सोनू: ह..हेलो …
महक: मेरा नाम महक है ….. मै XX साइंस की स्टूडेंट हु
महक के रूप का जादू अबतक सोनू पे हावी था
उसकी नज़रे अब तक महक की मांसल…. चिकनी जांघो पर अटकी थी
महक मन ही मन मुस्कुराई …. उसने सोचा चलो पहली बिजली तो गिर ही गयी …
महक: सररर ….
सोनू जैसे नींद से जगा …….
सोनू: ह… हां …. आईये ना..
सोनू ने उसे अन्दर आने दिया
महक सोफे के पास खड़ी थी …. सोनू ने दरवाजा बंद किया और वो वापस मुडा ….
की .. महक ने उसपे दूसरी बिजली गिरा दी ….
उसने अनजान बनते हुए … अपने स्कर्ट के इलास्टिक को पकड़ कर घुमाया … जैसे वो स्कर्ट ठीक कर रही हो...
इस हरकत से उसका मिनी स्कर्ट हवा में लहराया ….इतना … की सोनू को उसकी सफेद पँटी में कैद उसकी फूली चूत का नजारा हो गया ….
जब महक को लगा की सोनू ये सब देख चूका है तो वो सोफे पर धम्म से बैठ गयी ….
जोर से बैठने के कारण … वो खुद सोफे के गद्दे पर उछली …. और सोनू को उसकी भरी भरी चिकनी जांघो का … और सफ़ेद पँटी का नजारा हो गया ….महक की चमकदार चिकनी चिकनी मांसल जांघो में सोनू खो गया …..
उसका लंड बेकाबू होने लगा ….
महक वहा बैठे बैठे अपने पैरो को हिला रही थी ….. कभी वो उन्हें फैला देती तो …. कभी एक दुसरे के साथ दबा देती …..
सोनू तो जैसे ट्रांस में चला गया था ……
उतने में महक अपने मोजो को ठीक करने के बहाने झुकी
उसके के ऐसे झुकने से उसके ढीले टॉप में से उसके उन्नत उरोजो … और उस गहरी खाई का एक भरपूर नजारा उसे मिला …..
आःह्ह्ह ….. उसकी मुह से एक हलकी सी आह निकली
वो महक के बदन के जादू में ऐसा फसा था … की वो जागते जागते सपना देखने लगा
उसी आखों के सामने जैसे मूवी चलने लगी
उसने देखा ..
की वो लड़की उसे अपनी ओर खीच रही है ……
अपने हाथो से उसका हाथ …. अपने स्कर्ट में ….. अपनी पँटी पर रख रही है …..अआह्ह…..उफफ्फ्फ्फ़……
उसका लंड बेताब होकर उछलने लगा था
महक : सर…..
महक ने उसे आवाज लगायी
लेकिन उसकी तन्द्रा अब तक नहीं टूटी
महक ने उसे फिरसे आवाज लगायी ……
जबाब नदारद….
आखिर महक चल के उसके पास आयी …. और उसे कंधेसे पकड़कर हिलाया
महक: सर …..
सोनू हडबडा कर ….. प्रेजेंट में आया ….सोनू : हा…… हां… अरे तुम खडी क्यों हो …..बैठो ना …..
और सोनू भी कुर्सी पर बैठ गया ……
सोनू का दिमाग अब चलने लगा था …..
उसने सोचा …. आज तक मैंने यहाँ सिर्फ चुदाई ही की है ….. और फ़ोन जो भी कोई करता है ….. वो भी शायद यही चाहता है …….
उसने एक भरपूर नजर महक पे डाली ….. और सोचा ….. ये ….पहल करने से पहले आज ….. मै ही पहल करता हु ……..साला एक मस्त माल चुदाने को मिलेगा आज …..
उसने महक से बोला ……
सोनू:हा…. तो … महक …. बताओ …… कैसे चल रही है तुम्हारी पढाई
महक: वैसे तो ठीक ही चल रही है ….. पर वो बायो में ….. कुछ डिफिकल्टीस थी …
सोनू:तो मुझे बताओ ना ….. मै सब डिफिकल्टीस सॉल्व कर दूंगा
महक ने अपनी नोटबुक से कुछ पढने का नाटक किया …
सोनू ने उसे पास बुलाया
सोनू: तुम इधर आ के बैठो ना …..
महक भी उठके उसके पास गयी
लेकिन वहा सिर्फ एक ही चेयर थी …. जिस पे सोनू बैठा था ….
महक: सर …. यहाँ तो एक ही चेयर है ……
सोनू ने मौके पे चौका लगाते हुए उसे पकड़कर अपनी जांघो पर बिठाया …..
सोनू: तो यही बैठ जाओ ना
महक ने शरमाने का नाटक किया ….. और निचे देखने लगी ….
महक के बदन की गर्मी…. उसके बदन से आती वो मदमस्त खुशबू, उसके बदन का वो नरम अहसास ….. सोनू को दीवाना बना रहा था
उसने महक की जांघो को सहलाना शुरू कर दिया ….
उसका हाथ महक की जांघो को सहलाते सहलाते …. उसकी चूत को छूने लगा …..
महक भी अब आहे भरने लगी थी ……..
दोनों चुपचाप मजा ले रहे थे …..
सोनू का लंड लोहे जैसा कठोर हो गया था …..
महक हो उसकी चुभन महसूस हो रही थी ……
उसने इस सिचुएशन में थोडा और मसाला डालने की सोची ….
उसने कसमसाते हुए कहा ……
महक : छोडिये ना … सर ……….
सोनू ठिठक गया ….. उसे लगा …… की उसने कोई जल्दबाजी तो नहीं की …
महकने उसके चहरे के भाव पढ़ लिए
महक : सर …. मुझे यहाँ ठीक से बैठते भी नहीं आ रहा ….. और
सोनू ने डरते डरते पूछा “ और क्या …”
महक ने शरमा ते हुए कहा …… “ और निचेसे कुछ चुभ भी रहा है “
ये सुनते ही सोनू के जान में जान आयी
वो हस दिया …….
उसने कहा “क्या चुभ रहा है ………”
महक चुप रही
सोनू ने उसे थोडा सीधा किया
सोनू ने अपने हाथ उसके मुम्मो के पास रख दिए
और फिर उन्हें सहलाने लगा ….
महक चुहलबाजी करते उसे बोली ...
प्लीज …. छोडिये ना सर …..
वो ऐसे बिहेव कर रही थी ….जैसे उसे वहा से छुटना था … और सोनू उसे जाने नहीं देना चाह रहा था ...
दरअसल न तो वो हटना चाहती थी …. और ना ही सोनू ने उसे पकड़ रखा था ……
दोनों एक दुसरे से खेल रहे थे बस ……
महक कुछ ऐसे छटपटा रही थी ……( की उछल रही थी ?)कुछ देर बाद सोनू की पकड़ थोड़ी ढीली पड़ने पर (और आगे बढ़ने के लिए भी )…..
महक एकदमसे उठी …. और फुसफुसाते हुए बोली
“ वहा सोफे पर बैठते है ना सर …”
सौम्या: हां ….. मै तो कहती हु … तू भी चुदवा ले ….. अब क्या पर्दा
महक: म्मम्म हा यार मै भी तैयार हु ……
सौम्या: तो चल जल्दी ……
वो दोनों फटाफट तैयार हो कर सौम्या के होस्टल के लिए निकल पड़ी ….
continued
महक और सौम्या होस्टेल पहुँच चुकी
सोनू के वहा पहुचने में थोडा टाइम था
महक: सौम्या आज भी सोनू की आखों पर पट्टी बांधनी है ना ?
सौम्या: नहीं आज नहीं …. आज सभी पर्दों को गिराना है ….
महक: मतलब …… उसे तू खुल्ला खुल्ला बताएगी अपने बारे में
सौम्या: हा सोचा तो यही है
महक: पर …… वो तेरे पापा के डर से…. बिदक गया और ..चुदाई से मना कर गया तो ?
सौम्या: अरे नहीं ….. वो फट्टू तो है …. लेकिन अब उसे चुदाई की लत लग गयी है ...
महक: तू बोलती तो ठीक है …..
सौम्या: पर तेरी बात में भी दम है , हमें सावधानी से काम करना होगा ….
महक: याने क्या ….
सौम्या: ऐसा करते है …. फिर सौम्या ने महक को कुछ समझाया …..
महक मुस्कुराई …...
उसने ने सौम्या के कहने नुसार कपडे पहन लिए
उसने सौम्या को दिखाया
महक: देख अब ठीक है ना
सौम्या: वॉव…. क्या लग रही है … मेरी जान … चल जरा घूमके तो दिखा
महक ने गोल घूमके दिखाया
सौम्या: साली तेरे को तो कच्चा खाने को दिल कर रह है ……
महक शरमाने लगी
सौम्या: अब शरमाना छोड़ ….. और ध्यान से बिजलिया गिरना उस के ऊपर ….
महक: हा … बस...तू देख अब मेरा कमाल …
दोनों की बातो बातो में थोडा वक्त निकल गया …..
और तब तक सोनू पहोच चूका था ……
सौम्या ने उसे मॉनिटर पर देखा …..
सोनू के बैठने के बाद … सौम्याने उसे कॉल लगायी
सौम्या: हेलो
सोनू : हा बोलिए क्या करना है
सौम्या: एक छोटासा काम है ….
सोनू : हा बताइए
सौम्या:अभी कुछ देर में वहा एक लड़की पहुचेंगी …..
सोनू : हु ….
सौम्या: उसे कुछ डिफिकल्टी है ….. उसे सॉल्व कर ना है …
सोनू : कैसी डिफिकल्टी?
सौम्या: उसीसे पूछ लेना ….सौम्या ने कॉल कट कर दी ..
सोनू उस कमरे में खड़ा सोच रहा था ….. की आज उसके साथ क्या होने वाला है …
शायद वो चुदाई के बारे में सोच रहा था ….. उसकी पँट में बना उभार … अपनी कहानी साफ़ साफ़ बता रहा था …
कुछ देर बाद … सौम्या ने महक को इशारा किया ….
महक बहार निकली … और बाजूवाले फ्लैट की बेल बजने लगी ...
सोनू ने दरवाजा खोला ….. सामने खड़ी लड़की को देख कर उसका मुह खुला के खुला रह गया
महक ने एक मिनी स्कर्ट पहनी थी …. जिसमे से उसकी पुष्ट चिकनी जांघो का भरपूर नजारा मिल रहा था …. उपर उसने एक ढीली ढाला वाइट टॉप पहना था …… ओवरआल वो एक परफेक्ट सेक्सी स्कूल गर्ल लग रही थी
महक:हलो सर
सोनू: ह..हेलो …
महक: मेरा नाम महक है ….. मै XX साइंस की स्टूडेंट हु
महक के रूप का जादू अबतक सोनू पे हावी था
उसकी नज़रे अब तक महक की मांसल…. चिकनी जांघो पर अटकी थी
महक मन ही मन मुस्कुराई …. उसने सोचा चलो पहली बिजली तो गिर ही गयी …
महक: सररर ….
सोनू जैसे नींद से जगा …….
सोनू: ह… हां …. आईये ना..
सोनू ने उसे अन्दर आने दिया
महक सोफे के पास खड़ी थी …. सोनू ने दरवाजा बंद किया और वो वापस मुडा ….
की .. महक ने उसपे दूसरी बिजली गिरा दी ….
उसने अनजान बनते हुए … अपने स्कर्ट के इलास्टिक को पकड़ कर घुमाया … जैसे वो स्कर्ट ठीक कर रही हो...
इस हरकत से उसका मिनी स्कर्ट हवा में लहराया ….इतना … की सोनू को उसकी सफेद पँटी में कैद उसकी फूली चूत का नजारा हो गया ….
जब महक को लगा की सोनू ये सब देख चूका है तो वो सोफे पर धम्म से बैठ गयी ….
जोर से बैठने के कारण … वो खुद सोफे के गद्दे पर उछली …. और सोनू को उसकी भरी भरी चिकनी जांघो का … और सफ़ेद पँटी का नजारा हो गया ….महक की चमकदार चिकनी चिकनी मांसल जांघो में सोनू खो गया …..
उसका लंड बेकाबू होने लगा ….
महक वहा बैठे बैठे अपने पैरो को हिला रही थी ….. कभी वो उन्हें फैला देती तो …. कभी एक दुसरे के साथ दबा देती …..
सोनू तो जैसे ट्रांस में चला गया था ……
उतने में महक अपने मोजो को ठीक करने के बहाने झुकी
उसके के ऐसे झुकने से उसके ढीले टॉप में से उसके उन्नत उरोजो … और उस गहरी खाई का एक भरपूर नजारा उसे मिला …..
आःह्ह्ह ….. उसकी मुह से एक हलकी सी आह निकली
वो महक के बदन के जादू में ऐसा फसा था … की वो जागते जागते सपना देखने लगा
उसी आखों के सामने जैसे मूवी चलने लगी
उसने देखा ..
की वो लड़की उसे अपनी ओर खीच रही है ……
अपने हाथो से उसका हाथ …. अपने स्कर्ट में ….. अपनी पँटी पर रख रही है …..अआह्ह…..उफफ्फ्फ्फ़……
उसका लंड बेताब होकर उछलने लगा था
महक : सर…..
महक ने उसे आवाज लगायी
लेकिन उसकी तन्द्रा अब तक नहीं टूटी
महक ने उसे फिरसे आवाज लगायी ……
जबाब नदारद….
आखिर महक चल के उसके पास आयी …. और उसे कंधेसे पकड़कर हिलाया
महक: सर …..
सोनू हडबडा कर ….. प्रेजेंट में आया ….सोनू : हा…… हां… अरे तुम खडी क्यों हो …..बैठो ना …..
और सोनू भी कुर्सी पर बैठ गया ……
सोनू का दिमाग अब चलने लगा था …..
उसने सोचा …. आज तक मैंने यहाँ सिर्फ चुदाई ही की है ….. और फ़ोन जो भी कोई करता है ….. वो भी शायद यही चाहता है …….
उसने एक भरपूर नजर महक पे डाली ….. और सोचा ….. ये ….पहल करने से पहले आज ….. मै ही पहल करता हु ……..साला एक मस्त माल चुदाने को मिलेगा आज …..
उसने महक से बोला ……
सोनू:हा…. तो … महक …. बताओ …… कैसे चल रही है तुम्हारी पढाई
महक: वैसे तो ठीक ही चल रही है ….. पर वो बायो में ….. कुछ डिफिकल्टीस थी …
सोनू:तो मुझे बताओ ना ….. मै सब डिफिकल्टीस सॉल्व कर दूंगा
महक ने अपनी नोटबुक से कुछ पढने का नाटक किया …
सोनू ने उसे पास बुलाया
सोनू: तुम इधर आ के बैठो ना …..
महक भी उठके उसके पास गयी
लेकिन वहा सिर्फ एक ही चेयर थी …. जिस पे सोनू बैठा था ….
महक: सर …. यहाँ तो एक ही चेयर है ……
सोनू ने मौके पे चौका लगाते हुए उसे पकड़कर अपनी जांघो पर बिठाया …..
सोनू: तो यही बैठ जाओ ना
महक ने शरमाने का नाटक किया ….. और निचे देखने लगी ….
महक के बदन की गर्मी…. उसके बदन से आती वो मदमस्त खुशबू, उसके बदन का वो नरम अहसास ….. सोनू को दीवाना बना रहा था
उसने महक की जांघो को सहलाना शुरू कर दिया ….
उसका हाथ महक की जांघो को सहलाते सहलाते …. उसकी चूत को छूने लगा …..
महक भी अब आहे भरने लगी थी ……..
दोनों चुपचाप मजा ले रहे थे …..
सोनू का लंड लोहे जैसा कठोर हो गया था …..
महक हो उसकी चुभन महसूस हो रही थी ……
उसने इस सिचुएशन में थोडा और मसाला डालने की सोची ….
उसने कसमसाते हुए कहा ……
महक : छोडिये ना … सर ……….
सोनू ठिठक गया ….. उसे लगा …… की उसने कोई जल्दबाजी तो नहीं की …
महकने उसके चहरे के भाव पढ़ लिए
महक : सर …. मुझे यहाँ ठीक से बैठते भी नहीं आ रहा ….. और
सोनू ने डरते डरते पूछा “ और क्या …”
महक ने शरमा ते हुए कहा …… “ और निचेसे कुछ चुभ भी रहा है “
ये सुनते ही सोनू के जान में जान आयी
वो हस दिया …….
उसने कहा “क्या चुभ रहा है ………”
महक चुप रही
सोनू ने उसे थोडा सीधा किया
सोनू ने अपने हाथ उसके मुम्मो के पास रख दिए
और फिर उन्हें सहलाने लगा ….
महक चुहलबाजी करते उसे बोली ...
प्लीज …. छोडिये ना सर …..
वो ऐसे बिहेव कर रही थी ….जैसे उसे वहा से छुटना था … और सोनू उसे जाने नहीं देना चाह रहा था ...
दरअसल न तो वो हटना चाहती थी …. और ना ही सोनू ने उसे पकड़ रखा था ……
दोनों एक दुसरे से खेल रहे थे बस ……
महक कुछ ऐसे छटपटा रही थी ……( की उछल रही थी ?)कुछ देर बाद सोनू की पकड़ थोड़ी ढीली पड़ने पर (और आगे बढ़ने के लिए भी )…..
महक एकदमसे उठी …. और फुसफुसाते हुए बोली
“ वहा सोफे पर बैठते है ना सर …”
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